Tuesday, February 15, 2011

बूंदे

टप टप ओरी से गिरती बूंदे

रिमझिम गगन से गिरती बूंदे

पीने को न धरती पर बूंदे

गगन तकते न गिरती बूंदे

Tuesday, May 18, 2010

Tuesday, May 11, 2010

SAFAR

राहत हुई जब आपने सफ़र था चुन लिया
उसको कहाँ ले जाऊँगा जो बात आपने था किया
हर उम्र हर राह हर इन्सान को देखिये
हर दिवार टूटती जाएगी एक बार तो सोचिये
हर कश्तियाँ किनारे पर होगी
पतवार चलाकर तो देखिये
"मौन" सफ़र इंसानियत के दीवाने सदा से है
हर राह में इंसानियत का कदम बढ़ाकर तो देखिये ।
आप दीवाने अपने सफ़र के
यह बात न भूल जाओ।

Thursday, January 7, 2010

KNOW YOUR EARTH AS MOTHER

DEAR
KNOW ME AS AN INDIAN WHO WANTS TO DO FOR EARTH.
DON,T MAKE POLUTED THE EARTH BECAUSE IF YOU FEEL IT LIKE MOTHER. YOU NEVER DO LIKE TO POLUTED IT.

MANOJ SRIVASTAVA "MAUN"
SECREATRY
JAN-VIKAS SEWA SAMITI, LUCKNOW